राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की सबसे कम उम्र की व पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं।शपथ ग्रहण से पहले मुर्मू राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्मारक स्थल ‘राजघाट’ पहुंचीं और पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद वह राष्ट्रपति भवन पहुंचीं, जहां निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी ने मुर्मू की अगवानी की। राष्ट्रपति के अंगरक्षक घुड़सवार दस्ते ने द्रौपदी मुर्मू को सलामी दी।इसके बाद निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, द्रौपदी मुर्मू संसद भवन के लिए रवाना हो गए। संसद भवन पहुंचने पर राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने द्रौपदी मुर्मू और निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का सेंट्रल हाॅल के बाहर स्वागत किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भाषण समाप्त होने के बाद उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने उसका कुछ अंश अंग्रेजी में पढ़ा। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति लेकर राष्ट्रगान के साथ शपथ ग्रहण समारोह का समापन हुआ।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और सरकार के प्रमुख अधिकारी एवं सैन्य अधिकारी द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण में शामिल रहे। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण में मौजूद रहे।
बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू ओडिशा की ही रहने वाली हैं। यहीं के एक गांव में संथाल जनजाति के परिवार में उनका जन्म हुआ था।