इमाम हुसैन की याद में निकले अलमों के जुलूस


- शिया सोगवारों ने किया मातम, इमाम बारगाह कलां चौक पर जुलूस संपन्न
- सुरक्षा के दृष्टिगत भारी पुलिस व पीएसी बल रहा तैनात

कैराना। हजरत इमाम हुसैन व करबला के 72 जानिसारों की याद में सात मोहर्रम को अलमों के जुलूस इमाम बारगाह कलां चौक पर बरामद हुए। इस दौरान शिया सोगवारों ने मातम किया। जुलूस के मद्देनजर सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस व पीएसी बल तैनात रहा।
   शनिवार को नगर के मोहल्ला अंसारियान में इमाम बारगाह खुर्द व ख्वाजबक्श में मुनव्वर हुसैन तथा सफदर हुसैन के अजाखानों से सात मोहर्रम के मौके पर अलमों के जुलूस का आयोजन किया गया, जिसमें शिया सोगवार बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस दौरान शिया सोगवारों ने हजरत इमाम हुसैन व करबला के 72 जानिसारों की याद में मातम किया। नोहाख्वानी के साथ जुलूस इमाम बारगाह कलां चौक पर पहुंचकर संपन्न हुए। जहां बड़ी संख्या में शिया सोगवारों ने अलमों के दर्शन भी किए।
   इससे पूर्व मरहूम सैय्यद मोहम्मद जैदी (हाजी आलम जैदी) के अजाखाने में मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना जावेद नजफी ने कहा कि करबला की जंग हक की थी, जिसमें हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 जानिसारों ने दीन-ए-हक के नाम पर अपनी कुर्बानियां दीं। उन्होंने कहा कि हजरत इमाम हुसैन को अल्लाह के कलाम से बेपनाह मोहब्बत थी।
      उक्त के अलावा मुबारक अली व नादिर अली के अजाखाने में आयोजित मजलिस को मौलाना रजी बिस्वानी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कयामत तक करबला गवाह है कि इस जंग में भले ही शहादत हुई, लेकिन हक की जीत हुई। इस दौरान अलहाज कौसर जैदी, अली हैदर जैदी, यावर हुसैन, शान मोहम्मद, नासिर हुसैन, चांद मियां, शाह रजा जैदी, सदाकत हुसैन, शबी हैदर, रईस हैदर, जावेद रजा जैदी, डॉ फरहत हुसैन, मेहरबान अली आदि मौजूद रहे। उधर, जुलूस के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर पुलिस व पीएसी बल तैनात रहा।
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समाजसेवियों ने लगाई छबील
इमाम बारगाह के निकट समाजसेवी सलीम फरीदी के नेतृत्व में अंजुमन फेज-ए-कायम की ओर से शर्बती छबील लगाई गई है। जहां शिया सोगवारों को शर्बत पिलाकर उनकी प्यास बुझाई जा रही है। सलीम फरीदी ने बताया कि मोहर्रम का चांद नजर आने के बाद ही छबील लगाई जा रही है। इस दौरान आरिफ, सादिक, सनव्वर आदि अपना योगदान दे रहे हैं।
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