कैराना। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री रामलीला महोत्सव कस्बा कैराना में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। जिसमें रामलीला महोत्सव के 14 दिन की लीला का शुभारंभ अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन जनपद शामली के पदाधिकारियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
प्रथम दृश्य में दिखाया गया कि लंका के राजा रावण अपने दरबार में अपनी सेना के साथ बैठे रहते हैं। और अपने यश और अहंकार और ताकत का गुणगान करते रहते हैं। तभी उन्हें दूत के द्वारा सूचना मिलती है कि हनुमान जी ने उनकी पूरी लंका में आग लगा दी है जिससे चारों तरफ तबाही मची हुई है इसी दौरान रामचंद्र जी नल नील जामवंत सभी की सहायता से रामचंद्र जी सेना सहित सौ योजन के पुल को पत्थरों से तैयार करके समुद्र पार करके सुबेल पर्वत पर पहुंच जाते हैं और जब यह जानकारी रावण के दरबार में पहुंचती है तो विभीषण रावण को हर संभव प्रयास समझाने का करता है परंतु रावण नहीं मानता और विभीषण को और अपने पुत्र परस्त को दरबार से बेज्जती करके निकाल देता है जिससे वो सीधे रामा दल में पहुंच जाता है। और वहां पर रामचंद्र जी की शरण में रहता है रामचंद्र जी विभीषण का राजतिलक करते हुए लंका का अगला राजा बना देते हैं तभी रामचंद्र जी पूजा अर्चना के लिए किसी विद्वान पंडित को बुलाने के लिए कहते हैं जिस पर रावण सीता सहित रामसेतु पर बने शिवलिंग की पूजा कराने के लिए आता है जिसका नाम रामेश्वरम धाम रखा जाता है। और उन्हें आशीर्वाद देकर चला जाता है वही अगले दृश्य में दिखाया गया कि रामा दल के सभी सेनापति जामवंत नल नील अंगद हनुमान विभीषण राम लक्ष्मण युद्ध की योजना बनाते हैं जिस पर रामचंद्र जी उन्हें कहते हैं कि एक बार युद्ध करने से पूर्व रावण को दोबारा दूत भेजकर सचेत किया जाए जिस पर अंगद जी दूत बनकर रावण के दरबार में पहुंच जाते हैं परंतु अहंकारी रावण और उसकी सेना नहीं मानती और अंगद से कहते हैं कि हमारी योद्धा तुम्हारी वानर सेना को खा जाएंगे इसी दौरान अंगद रावण के दरबार में अपना पैर जमा देता है। और रावण से कहता है कि तुम्हारा कोई भी योद्धा यदि मेरा पैर हिला देगा तो अंगद कसम खाकर कहता है कि जानकी जी को हरा देगा जिस पर कोई भी रावण का सेनापति इंद्रजीत मेघनाथ आदि अंगद का पैर हिलाते नहीं पाते तब क्रोधित रावण स्वयं उठकर चलता है और उसका पैर हिलाने के लिए सर झुकाता है तो उसका मुकुट नीचे गिर जाता है और अंगद अपना पैर पीछे हटा कर कहता है कि यदि सर झुकाना है तो रामचंद्र जी की शरण में जा और उसका मुकुट उठाकर रामा दल में फेंक देता है और युद्ध का ऐलान कर के चला जाता है और सारा वृत्तांत रामा दल में आकर रामचंद्र जी को बताता है।
श्रीरामलीला मंचन के दौरान राम का अभिनय रोहित, लक्ष्मण का तुषार वर्मा, रावण का अभिनय सभासद शगुन मित्तल एडवोकेट, दरबार का राकेश गर्ग, सुग्रीव का रोहित नामदेव, अंगद का अमन गोयल, नल नील का देव वाशु, विभिषण का डॉक्टर सुशील कुमार, प्रहस्त का सोनू कश्यप, मंत्री का हर्ष बंसल, रावण के दरबार में सुंदर नृत्य का सन्नी, शिव, धीरू, हनुमान जी का आशु गर्ग ने किया।
इस दौरान मुख्य रूप से श्री रामलीला कमेटी कैराना के अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप एडवोकेट, डॉ राम कुमार गुप्ता, रामअवतार मित्तल, आयुष गर्ग, पदम सैन नामदेव, वीरेंद्र वशिष्ठ, अमित सिंघल, आशीष नामदेव, राजेश नामदेव, विजय नारायण तायल, प्रभात, प्रमोद गोयल, राकेश सिंघल, सुशील सिंगल, नीटू, संजू वर्मा, अभिषेक गोयल, मोहन लाल आर्य, मनोज मित्तल व अतुल गर्ग आदि मौजूद रहे।