एक रिश्ता है , सबसे सस्ता है
मेरा दिल,उसके दिल में धडकता है
वह पिता है...
दुलारता कभी, फटकारता है
ढील देता , कभी कसता है
वह पिता है...
खुद को मारकर , मुझे पालता है
जीवन के सांचे में, मुझे ढालता है
वह पिता है...
मेरे सपने , उसके अपने हैं
मेरी कामयाबी,उसकी सफलता है
वह पिता है...
खुद को कमतर , समझता निरन्तर
मुझे बडा बनाना,उसकी महानता है
वह पिता है...
हम समझते गर्मी , वह नरमी है
गुस्से में भी, प्यार से निहारता है
वह पिता है...
मां के पैरों में जो है, उसका दरवाजा है
जन्नत में जाने का , वह रास्ता है
वह पिता है...
हां,वह पिता है...
हां,वह मेरा पिता है...
-मौ० यामीन (स०अ०)
जूनियर हाईस्कूल बडावद(कंपोजिट),बड़ौत, जिला-बागपत
(राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक)