👉 मामौर में एनजीटी के नियमों की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां
👉 शासन-प्रशासन और खनन विभाग सब कुछ जानते हुए बना अंंजान
कैराना (शामली)। उत्तर प्रदेश में भले ही योगी आदित्यनाथ की सरकार माफियाओं पर सख्त कार्यवाही करती नजर आती हो, लेकिन जनपद शामली की तहसील कैराना क्षेत्र के गांव मामौर में रेत माफिया तमाम नियम व कायदे-कानून को जूती की नोक पर रखे हुए हैं। गांव मामौर में एनजीटी की गाइड लाइन और तमाम नियमों को ठेंगे पर रखकर माफिया दिन-रात युद्ध स्तर पर अवैध खनन कर रहा हैं। वैध पट्टों की आड़ लेकर जेसीबी व पॉर्कलेन जैसी भारी भरकम मशीनों से यमुना नदी की बहती जलधारा को मोड़ने मे कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। बावजूद इसके सब कुछ जानते हुए भी शासन-प्रशासन और खनन विभाग अंंजान बना हुआ है।
जनपद शामली की तहसील कैराना के यमुना खादर क्षेत्र के गांव मामौर में वैध रेत खनन पट्टा आवंटित किया गया हैं। लेकिन, इस पट्टे की आड़ में माफिया की धींगामुश्ती चल रही है। वैसे तो सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक की आवंटित क्षेत्र के अंतर्गत खदान की अनुमति शासन-प्रशासनिक स्तर पर दी गई है, लेकिन इसके बावजूद भी माफिया अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं। दिन-रात खनन प्वाइंट पर अवैध रूप से जेसीबी व पॉर्कलेन जैसी भारी भरकम मशीनों से बड़े पैमाने पर रेत खनन का खेल चल रहा है, जिसमें खनन माफिया यमुना नदी की बहती जलधारा के अंदर से भी रेत निकालने से बाज नहीं आ रहे हैं।
ज्ञात रहे कि एनजीटी के सख्त आदेश हैं कि यमुना नदी की बहती जलधारा से रेत खनन नहीं किया जा सकता है, लेकिन यहां सब कुछ गोलमाल चल रहा है। यमुना की बहती जलधारा से रेत भी निकाली जा रही है और जलधारा से छेड़छाड़ का मामला भी कोई नया नहीं हैं। वैध पट्टे की आड़ में माफिया राज्य सरकार को प्रतिमाह करोड़ों रुपये की राजस्व की हानि पहुंचा रहे हैं। इतना सब कुछ होते हुए भी शासन-प्रशासन और खनन विभाग की चुप्पी पर सवाल उठते हैं।
उधर, अब देखना यह है कि प्रदेश की योगी सरकार जनपद शामली के तहसील कैराना क्षेत्र के गांव मामौर में हो रहे वैध पेट्टे की आड़ में अवैध रेत खनन पर अंकुश लगाने में क्या कार्यवाही अमल में लाती हैं, यह आने वाला समय ही बताएगांं जो समय के गर्भ में छिपा है?
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