शरीयत में कोई हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे मुसलमान : मदनी

👉 वक्फ संशोधन विधेयक से पहले मौलाना सैयद अरशद मदनी का बड़ा बयान
 
देवबंद। केंद्र सरकार वक्फ एक्ट 2013 में लगभग 40 संशोधनों के साथ नया वक्फ संशोधन विधेयक 2024 संसद में प्रस्तुत करने जा रही है। यह संशोधन किस प्रकार के हैं, इसका अभी कोई विवरण सामने नहीं आया है। वक्फ संपत्तियों की स्थिति और स्वभाव को बदलना चाहती है सरकार ।
      वहीं, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने इस संशोधन विधेयक पर अपनी आपत्ति और चिंता व्यक्त की है। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि इन संशोधनों द्वारा केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों की स्थिति और स्वभाव को बदल देना चाहती है, ताकि उन पर कब्जा करके मुस्लिम वक्फ की स्थिति को समाप्त करना आसान हो जाए।                 
      उन्होंने कहा कि हम ऐसे किसी संशोधन को जिससे वक्फ की स्थिति और वक्फकर्ता का उद्देश्य बदल जाए, कभी भी स्वीकार नहीं कर सकते। जमीयत उलेमा-ए-हिंद यह स्पष्ट कर देना चाहती है कि वक्फ संपत्तियां मुसलमानों के पुरखों के दिए हुए वह दान हैं, जिन्हें धार्मिक और मुस्लिम धर्मार्थ कार्यों के लिए समर्पित किया गया है, सरकार ने बस उन्हें विनियमित करने के लिए वक्फ एक्ट बनाया है।
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