मां का दर्जा भगवान से भी बड़ा होता है... ब्रह्म स्वरूपानंद

👉 कथा के आठवें दिन महाराज ने किए प्रवचन
👉 माता भगवती के गुणगान पर झूम उठे श्रद्धालु
👉 आश्रम में 41वां विशाल भंडारा कल
कैराना(शामली)। मानव चेतना केंद्र आश्रम ऊंचागांव में चल रही श्रीमद् देवी भागवत महापुराण में स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद ने अपनी अमृतवाणी करते हुए बताया कि इंसान जब कठिन समस्या में घिर जाता है तो उसे कोई दूसरा रास्ता दिखाई नहीं देता, लेकिन उस वक्त मनुष्य अपने दिल दिमाग को कुछ समय के लिए संसार से हटा दे और दिल और प्रेम के साथ भगवान को याद करे भगवान आपको उस समस्या से अवश्य निकाल देगे। भगवान दिखाई नहीं देते है, लेकिन वो सब जानते है कि हमारे अंदर क्या चल रहा है।
      शनिवार को मानव चेतना केंद्र आश्रम ऊंचागांव में चल रही श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के आठवें दिन स्वामी विशुद्धानंद महाराज के परम शिष्य स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद महाराज ने बताया है कि मनुष्य को अभिमान बहुत जल्दी आ जाता है वह सोचता है कि सब तेरे कारण चल रहा है। लेकिन ऐसा कुछ है, करते तो सब कुछ भगवान ही है।      
         मनुष्य जब कठिन समस्या में घिर जाता है उस वक्त मनुष्य को अपने मन दिमाग को संसार से हटाकर भगवान में लगा देना चाहिए। जिससे भगवान हमारी प्रार्थना को सुनते है और हमारी समस्या को खुशी में बदल देते है।               
 महाराज ने बताया जो मनुष्य अपने सतगुरुदेव पर विश्वास करता है, उनकी नाव कभी नहीं डूबती, लेकिन जो मनुष्य हर रोज नए नए गुरु बनाता है और विश्वास नहीं करता तो ऐसे मनुष्य कभी संतुष्ट नहीं रहते, वो ऐसे ही मरण जीवन के चक्कर पर पड़ा रहता है। हमें जो फल बिना मेहनत के मिलता है, हम उसकी कदर नहीं करते है।              
          भगवान विष्णु कहते है जो मनुष्य सदा मेरी कथा में आसक्त रहता है और मेरा ही भजन करते है। वह भक्त मुझे अति प्रिय है। जो मनुष्य गीता भागवत, रामायण का पाठ करता है उस घर में भगवान वास करते है, लेकिन जिस घर में मनुष्य बुरे कर्म करता है, जुआ, शराब का व्यापार करता है वहा कभी भगवान प्रवेश नहीं करते है। इस लिए मनुष्य को अपने कर्म के साथ साथ भगवान को भी याद रखना चाहिए। इस संसार से सबको अकेला जाना है और अकेला ही आया था, यह घर महल, धन दौलत सब कुछ यही रह जाना है। इस लिए बुरे कर्म ना करे और सदा शुद्ध सच्चिदानंद का भजन कर अपने मन मंदिर को पवित्र रखे।       
     महाराज ने बताया कि जो इंसान माता भगवती पर विश्वास रखता है माता रानी उसकी सदा सुनती है। इस संसार में मां का दर्जा भगवान से भी बड़ा है। जो मनुष्य अपने माता-पिता और गुरुदेव की सेवा करेगा वह मनुष्य सदा स्वस्थ रहेगा ऐसे व्यक्ति पर भगवान को असीम कृपा रहती है। ऐसे व्यक्ति को गंगा और जमुना में स्नान करने की आवश्यकता नहीं है। जिनके सर पे गुरुदेव का हाथ है वह इंसान इस संसार से मोह नहीं करते। 
     वहीं, सुंदर भजन के साथ कथा का समापन किया गया। इस दौरान गांव व दूर दराज में आश्रम में पहुंचे सैकडो श्रद्धालुओ ने कथा श्रवण की।
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👉 41वां विशाल भंडारा कल
मानव चेतना केंद्र आश्रम में चल रही श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा में स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद महाराज ने बताया कि हर साल की भांति इस बार भी महाराज के आशीर्वाद से कल रविवार को आश्रम में 41वें विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। सुबह 8 बजे हवन यज्ञ, महाराज की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। उसके बाद प्रवचन किए जाएंगे। दोपहर के समय 41 वें विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। जिसमें गांव व बाहर से आने वाले श्रद्धालुगण प्रसाद ग्रहण करेंगे।
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